
गृह निर्माण में वास्तु की अहम भूमिका है। अगर वास्तु के सभी नियमों को ध्यान में रखकर घर का निर्माण हो तो कई सारी समस्याओं का निवारण वहीं हो सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि क्या आप अपने घर के लिए विश्वशनीय वास्तु नियमों का पालन कर रहे है या नहीं।
अक्सर कई लोग ऐसे होते हैं जो मकान खरीदने के बाद वास्तु की जानकारी लेते है। ऐसे में कभी-कभार उन्हें उस मकान में साउथ-वेस्ट या S7 एंट्रेंस मिल जाती है तो ऐसे में कोई भी वास्तु का जानकार यही कहेगा कि सबसे पहले इस मकान को बेच लो और दूसरा ले लो। क्योंकि उस व्यक्ति के लिए बेहतर ये है कि अभी वर्तमान में इस समस्या का समाधान निकाल लें।

Vastu Consultancy का उद्देश्य क्या होना चाहिए ?
Consultancy का अर्थ ये नहीं कि पैसों के लालच में क्लाइंट को गलत गाइड किया जाए। ऐसा नहीं सोचना है कि एक्स्ट्रा पैसे लेकर उसके 2-4 और घर कर दूं। जो उस व्यक्ति के लिए अच्छा है उसे वही गाइड करो। और अगर कुछ उसके लिए सही नहीं तो उसे ये बताना चाहिए कि यह फायदेमंद नहीं होगा। आपको करना वही है जो उस व्यक्ति के लिए अच्छा हो। उदाहरण के लिए जैसे कोई अपना बच्चा रो रहा हो तो आप उसे कोई गंदा दूध तो नहीं पिलाएंगे। आपका कर्तव्य बनता है जो उस बच्चे के लिए फायदेमंद है उसे भी वही देना। ठीक उसी तरह वह क्लाइंट भी एक छोटे बच्चे के समान है। उसे पता नहीं कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत है। इस स्थिति में आपका फर्ज़ है उसे अच्छी तरह गाइड करना।
आपको उसे बताना है कि ये चीज सही नहीं तो मत करो। हां ऐसे में आपको कुछ लाखों का नुक़सान हो सकता है लेकिन आगे करोड़ों का नुक़सान ना हो। भविष्य में कुछ पाने के लिए कभी कभी वर्तमान के फायदे को भूलने में कुछ ग़लत नहीं है। अगर ज्यादा दिक्कत है तो आप उन्हें कह सकते रेंट पर शिफ्ट हो जायें और साथ ही रेंट की जगह भी चेक करवा लें।
महावास्तु आचार्य दीपक ग्रूवीर द्वारा वास्तु Balance कर अपने जीवन को और खुशहाल तथा सुन्दर बना सकते हैं।
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